माँ मेरी माँ और मेरे पापा ये शब्द जो हमेशा कुछ ना कुछ देते ही है चाहे मुस्कान हो या फिर कोई उम्मीद

आज बात उस सच की है जो जिंदगी से जुड़ा है मेरी नहीं सभी की जिंदगी से और वो बात इतना असीम सुख देती है कि हर सच्चाई उसके आगे फीकी है मेरी माँ मेरे पिता मतलब साफ़ हम सबके माता पिता जो सदैव सर्वदा हाथ और मुट्ठी खोल कर जिए हमारे लिए और हमारी आकांक्षाओं को देखते हुए जब हम समझने लायक थे भी नहीं गोद मे थे अपनी माता पिता की रोज वो हमे सुलाने के लिए संघर्ष करते थे कि कब हम थके और सोये और उसके विपरित हम जब बड़े हुए तो इसका उल्टा हुआ कि कब हमारे मम्मी पापा सोये और हम सोये एक समय था जब हम उनकी पनाह और देखभाल पर आश्रित थे और एक वक्त जब हम बड़े हुए तो उन्हें हमारी अत्याधिक जरूरत थी कभी कुछ पढ़ने मे कभी कुछ लिखने मे कभी सुनने मे कभी दूर देखने मे कभी आने मे जाने मे और उनके कपड़े खाना दवाई देखभाल मे कि कहीं कोई चीज़ छूट गयी तो बहुत बुरा लगेगा उन्हें l ऐसी सोच विचार धारा सबकी नहीं रही होगी कुछ हममे से इससे अलग भी होंगे क्योंकि उनकी महत्वाकांक्षा काफी हद्द तक कुछ अलग रही होंगी और कुछ मन मुटाव उनका अपने माता पिता से रहा होगा यस कहीं ना कहीं उनकी उठ बैठ कुछ अलग होगी या कई बार व्यवहारिक दोष स्वयं भी होते है कहीं माता पिता का पक्ष कमजोर रह जाता है कभी कहीं संतान का लेकिन फिर भी माँ बाप हमारा भला ही सोचते है ऐसे मे ये बात हमे जब एहसास होती है जब धीरे-धीरे हम उनकी दहलीज के आसपास आते है उनकी उम्र के पड़ाव मे जैसे जैसे हम आते है एहसास होता जाता है कि कैसे उन्होंने हमे पाला होगा कितने कष्ट सहे होंगे जब हम खुद अपने बच्चों के लिए इतने कष्ट और पेट काटते है जब इनकी ख्वाहिश पूरी कर पाते है इन्हें पढ़ा लिखा पा रहे है तब मेहसूस होता है माँ बाप के खोने का दुःख कि वाकई मे भगवान क्या है और क्यों सबसे पहले माँ बाप को भगवान का दर्जा दिया जाता है l क्यों पित्र पक्ष और माता पिता का स्थान सर्वोपरि है क्योंकि उन्होंने जीते जी हमारी रक्षा की पालन पोषण किया हमारी सारी ख्वाहिशों का ख्याल रखा और वो सब चीजे और सपने हमारे पूरे करने के लिए जी तोड़ कोशिश की और जब वो आज नहीं है तो हम अपनी ख्वाहिशें अपने बच्चे अपनी जरूरतों के आगे उन्हें सही से याद भी नहीं कर पाते और न ही कभी उनके बारे मे पता लगा पाते कि वो कहा है किस हाल मे है क्योंकि लोगों ने भ्रम फैला दिया कि मृत्यु के उपरांत कुछ नहीं सब वहम है जबकि आत्मा कभी नष्ट नहीं होती उनकी चाह वैसे ही बरकरार रहती है जैसे जीते जी l अगर हमारे मम्मी पापा जीते जी हमसे प्यार करते थे तो आज भी साथ है लेकिन तरीका नहीं पता हम कैसे अनुभव करे कैसे जाने कैसे याद करे कैसे उन्हें सपने मे बुलाए आज उसी विषय मे आपको बताता हू कि आप अपने माता पिता के दर्शन कर सकते हो और उनसे बात भी कर सकते हो लेकिन सिर्फ स्वप्न साधना मे और वो बहुत आसान है जैसा कहु वैसे करो हाथ जोड़ के और एक बार मे आप एक से बात कर पाओगे या उनके दर्शन कर पाओगे ये आपको मंगलवार की रात को करना है रात को खाना खाने के 2 घंटे बाद और सोते समय l आप सोने से पहले हाथ मुह पैर साफ करके बिस्तर पर या जमीन पर बैठ जाए और अपने यहा से जिधर भी कोई नदी नहर गंगा यमुना कोई बड़ी नदी हो उधर मुँह करके बैठे l
आप जय धरती माता की 3 बार कहे 
फिर जय यमुना मैया की 3 बार कहे
और आप प्रभु श्री राम जानकी माता की जय कहकर
श्री राम जय राम जय जय राम 43 बार जप करके हाथ जोड़ के कहे कि हे यमुना माता प्रभु श्री राम जानकी माता के आशिर्वाद से मैं आपकी शरण में हू मेरे माता पिता इसी रास्ते से स्वर्ग सिधारे थे आप मुझे मेरे माता पिता के दर्शन कराए मैं आपका बच्चा आपसे अपने माता पिता के दर्शनार्थ की भीख मांगता हूँ आप मेरी सहायता करे l
जय यमुना माता की l 
ऐसा कहकर आप तुरंत सो जाए फिर किसी की शक्ल ना देखे ना पानी पीए जो खाना पीना है सब पहले कर ले l
ऐसा आपको 11:30 रात्री से पहले करना है और आपको बारह बजे से पहले सोना ही सोना है अन्यथा कुछ सम्भव नहीं होगा l
अगले दिन आप स्वयं बतायेंगे कि आज बुधवार को मम्मी आयी या पिताजी आए थे आपने जिसको चाहा होगा वो ही आयेंगे ये कोई टोटका नहीं एक गुप्त रहस्य जो आपको बताया गया पहले आप करके देखे कोई कमी रहे समझने मे तो आप संपर्क कर सकते है आपको पूर्ण सहायता की जाएगी और मार्गदर्शन किया जाएगा l
ब्रह्म अनुभूति एक अनुभव जो सदा सर्वदा जागृत रहता है उसी का अनुभव करे सिद्ध सार्थक होगा l
सिद्ध आदेश
सिद्ध बाबा
8800904355 
WhatsUp 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

आदित्य ह्रदय स्तोत्र हर क्षेत्र में चमत्कारी सफलता देता है। पढ़ें आदित्य ह्रदय स्रोत निरंतर :

राधा अष्टमी के व्रत के साथ ही जन्माष्टमी का व्रत माना जाता है पूर्ण, जानिये व्रत विधि और कथा

शिव शंकर भगवान का भैरव रूप में अवतार - एक कथा