नाथ परंपरा का आधार ही बाबा गोरख नाथ है उसी पर केंद्रित है ये विचार - पार हैं ज़न जब संग हो नाथ l प्रभु मूर्त गुरु गौरक्ष नाथ

तज प्रभु मूर्त 
श्री शिव गौरक्ष
गुरु रब रक्खा 
श्री शिव गौरक्ष
नित जपु मैं अब
श्री शिव गौरक्ष
मेरा काम बने
श्रीं शिव गौरक्ष
मेरी बात बने
श्री शिव गौरक्ष
मेरा नाम चले  
श्री शिव गौरक्ष
जप रटत रटत 
नित रटत रटत
श्री शिव गौरक्ष 
श्री शिव गौरक्ष
भजु भज भज मैं
तजू तज तज मैं
श्री शिव गौरक्ष 
श्री शिव गौरक्ष
मन भज भज भज 
प्रभु भज भज भज 
ओम शिव गौरक्ष 
ओम शिव गौरक्षा
जग अलख अलख 
आदेश अलख
जग अलख अलख 
आदेश अलख
सिद्ध बाबा
8800904355
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