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नागपंचमी की पौराणिक एवं प्रामाणिक कथा...

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I नागपंचमी की पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में एक सेठजी के सात पुत्र थे। सातों के विवाह हो चुके थे। सबसे छोटे पुत्र की पत्नी श्रेष्ठ चरित्र की विदूषी और सुशील थी, परंतु उसके भाई नहीं था।  एक दिन बड़ी बहू ने घर लीपने को पीली मिट्टी लाने के लिए सभी बहुओं को साथ चलने को कहा तो सभी धलिया और खुरपी लेकर मिट्टी खोदने लगी। तभी वहां एक सर्प निकला, जिसे बड़ी बहू खुरपी से मारने लगी। यह देखकर छोटी बहू ने उसे रोकते हुए कहा- 'मत मारो इसे? यह बेचारा निरपराध है।'  यह सुनकर बड़ी बहू ने उसे नहीं मारा तब सर्प एक ओर जा बैठा। तब छोटी बहू ने उससे कहा-'हम अभी लौट कर आती हैं तुम यहां से जाना मत। यह कहकर वह सबके साथ मिट्टी लेकर घर चली गई और वहां कामकाज में फँसकर सर्प से जो वादा किया था उसे भूल गई।  उसे दूसरे दिन वह बात याद आई तो सब को साथ लेकर वहां पहुंची और सर्प को उस स्थान पर बैठा देखकर बोली- सर्प भैया नमस्कार! सर्प ने कहा- 'तू भैया कह चुकी है, इसलिए तुझे छोड़ देता हूं, नहीं तो झूठी बात कहने के कारण तुझे अभी डस लेता।  वह बोली- भैया मुझसे भूल हो गई, उसकी क्षमा माँगती हूँ, तब सर...

गुरू गोविंद सिंह दोऊ खड़े काके लागू पाए l बलि हारी गुरु आपने गोविंद दियों बताये ll lजय गुरु देव आषाढ़ मास गुरु पूर्णिमा और विशेष महत्व

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जय गुरु महाराज  सबसे पहले हम सभी आज गुरु पर्व पर एक दूसरे को बढ़ाई और शुभ कामनाएँ देते है साथ ही आज श्री गुरु वेद व्यास जी जन्म दिवस होने के कारण और भी खुशी का दिन है साथ ही  5-7-2020 आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा का दिवस है और सनातन धर्म मे इस दिन को गुरु पूर्णिमा के पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म भी हुआ था, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते है आज के दिन गंगा स्नान या किसी बड़ी नदी जैसे कावेरी यमुना सरस्वती संगम गया गढ़ मुक्तेश्वर आदि मे से किसी भी घाट पर जाये और स्नान करने के उपरांत आप सूर्य देवता को जल अर्पित करे और गंगा मैया की agya से जल हाथ मे लेते हुए कहे कि हे गुरु महाराज आपकी कृपा हो और मै आपकी आज्ञा का पालन ऐसे ही सदा करता रहूं आप मुझे ऐसा आशिर्वाद दो और मुझे कृतार्थ करो l  साथ ही एक बात जो विशेष रूप से ध्यान रखने की है कि  गुरु पूर्णिमा का महत्व, मुहूर्त और पूजा विधि गुरु पूर्णिमा 2020: चारों वेदों के रचयिता और महाभारत जैसे महाकाव्य की रचना करने वाले वेद व्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को चारों वेदों के रचयिता और महाभार...