गुरू गोविंद सिंह दोऊ खड़े काके लागू पाए l बलि हारी गुरु आपने गोविंद दियों बताये ll lजय गुरु देव आषाढ़ मास गुरु पूर्णिमा और विशेष महत्व
जय गुरु महाराज 
सबसे पहले हम सभी आज गुरु पर्व पर एक दूसरे को बढ़ाई और शुभ कामनाएँ देते है साथ ही आज श्री गुरु वेद व्यास जी जन्म दिवस होने के कारण और भी खुशी का दिन है साथ ही 
5-7-2020 आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा का दिवस है और सनातन धर्म मे इस दिन को गुरु पूर्णिमा के पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म भी हुआ था, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते है आज के दिन गंगा स्नान या किसी बड़ी नदी जैसे कावेरी यमुना सरस्वती संगम गया गढ़ मुक्तेश्वर आदि मे से किसी भी घाट पर जाये और स्नान करने के उपरांत आप सूर्य देवता को जल अर्पित करे और गंगा मैया की agya से जल हाथ मे लेते हुए कहे कि हे गुरु महाराज आपकी कृपा हो और मै आपकी आज्ञा का पालन ऐसे ही सदा करता रहूं आप मुझे ऐसा आशिर्वाद दो और मुझे कृतार्थ करो l 
साथ ही एक बात जो विशेष रूप से ध्यान रखने की है कि 
गुरु पूर्णिमा का महत्व, मुहूर्त और पूजा विधि गुरु पूर्णिमा 2020: चारों वेदों के रचयिता और महाभारत जैसे महाकाव्य की रचना करने वाले वेद व्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को चारों वेदों के रचयिता और महाभारत जैसे महाकाव्य की रचना करने वाले वेद व्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन से ऋतु परिवर्तन भी होता है. इस दिन शिष्य द्वारा गुरु की उपासना का विशेष महत्व भी है. गुरु को यथाशक्ति दक्षिणा, पुष्प, वस्त्र आदि भेंट करते हैं. गुरु पूर्णिमा इस साल रविवार, 5 जुलाई को मनाई जा रही है.
कौन हो सकता है आपका गुरु?
सामान्यतः हम लोग शिक्षा प्रदान करने वाले को ही गुरु समझते हैं, परन्तु वास्तव में ज्ञान देने वाला शिक्षक बहुत आंशिक अर्थों में गुरु होता है. जन्म जन्मान्तर के संस्कारों से मुक्त कराके जो व्यक्ति या सत्ता ईश्वर तक पहुंचा सकती हो, ऐसी सत्ता ही गुरु हो सकती है. हिंदू धर्म में गुरु होने की तमाम शर्तें बताई गई हैं, जिसमें से प्रमुख 13 शर्तें निम्न प्रकार से हैं.
-शांत/दान्त/कुलीन/विनीत/शुद्धवेषवाह/शुद्धाचारी/सुप्रतिष्ठित/शुचिर्दक्ष/सुबुद्धि/आश्रमी/ध्याननिष्ठ/तंत्र-मंत्र विशारद/निग्रह-अनुग्रह
कैसे करें गुरु की उपासना?
- गुरु को उच्च आसन पर बैठाएं.
- उनके चरण जल से धुलाएं और पोंछे.
- फिर उनके चरणों में पीले या सफेद पुष्प अर्पित करें .
- इसके बाद उन्हें श्वेत या पीले वस्त्र दें.
- यथाशक्ति फल, मिष्ठान्न दक्षिणा अर्पित करें.
- गुरु से अपना दायित्व स्वीकार करने की प्रार्थना करें.
गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
गुरु पूर्णिमा 4 जुलाई 2020 को सुबह 11 बजकर 33 मिनट से अगले दिन यानी 5 जुलाई 2020 को सुबह 10 बजकर 13 मिनट तक रहेगी. इस बीच आप किसी भी वक्त गुरु की उपासना कर सकते हैं l साथ ही हम श्रीमदभागवत श्रीमद्भागवत गीता या सत्य नारायण कथा तथा गुरु ब्रहस्पति देवी की कथा पढ़कर या आपको जो गुरु मंत्र आपके गुरुदेव ने दिया हुआ है उसका 1 या 5 माला जाप आप. कर सकते हैं l
और उनका माँ सम्मान रखने हेतु आप उन्हें मिष्ठान मेवे वस्त्र आदि समर्पित कर सकते है और कुछ दान दक्षिणा आप उन्हें दे सकते है तो भक्तों इस तरह आप गुरु पर्व माना सकते है और गुरु पालन कर सकते है l
जय गुरु महाराज की 
सिद्ध आदेश 
जय बाबा की 
सिद्ध बाबा 
8800904355 




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